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क्या हुआ मिस्टर अय्यर

सीधा, सरल जो मन मेरे घटा
सीधा, सरल जो मन मेरे घटा
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परम आदरणीय मान्यवर सदैव पूज्यनीय अतुलित बुद्धिमान श्रीमान अय्यर जी श्राप देते हैं की कामनवेल्थ गेम्स फ्लॉप हो जाएँ. उन्होंने शायद अपने आपको बहुत सिद्ध पुरुष समझ लिया की वो वोलेंगे और घटित हो जाएगा. इस तरह मिस्टर अय्यर साबित क्या करना चाहते हैं. मुझे पता है की इस देश के बहुत से नवजवान उनको अपना आदर्श मानते हैं और उनके दिमाग की कैपेबिलिटी का लोहा मानते हैं. पर जब वो ऐसे बयान देंगे तो उनको अपना आदर्श मानने वाले, उनका अनुकरण करने वाले लोगों के दिल को कितनी ठेस लगी होगी ये बयान करना शब्दों की सीमा से परे है. मैं दिमाग पर बहुत जोर लगाकर उनके इस बयान-बाज़ी के निहितार्थ को समझने की कोशिश करता हूँ पर नाकाम रहता हूँ. कहीं से भी उनका बयान उस व्यक्ति के चरित्र को परिलक्षित नहीं करता है, जिसको अपने देश, अपनी माटी से थोडा भी प्यार हो. पहली बार किसी विकाशशील देश को सौभाग्य प्राप्त हुआ है की उस देश को कामनवेल्थ गेम्स के आयोजन के लायक समझा गया है, और ये हमारा गौरव है की वो देश हमारा प्यारा भारत है. कुआलालम्पुर के बाद एशिया में सिर्फ दिल्ली को ही ये सौभाग्य प्राप्त हुआ है. अतैव, उनका ये बयान ना सिर्फ दुर्भाग्यपूर्ण है बल्कि इससे उनकी उस मनस्थिति का भी भान होता है जिससे देश के गौरव के प्रति दुर्भावना प्रकट होती है. आज कौन सच्चा भारतवासी है जिसको एक लम्बे अरसे के बाद देश में इतने बड़े खेलों के आयोजन पर गर्व नहीं हो रहा होगा. दिल्ली तो इन दिनों फूली नहीं समा रही है क्योंकि दिल्ली को उम्मीद है कि नवम एशियन गेम्स के बाद नवम कामनवेल्थ गेम्स के आयोजन से दिल्ली विश्व-स्तरीय शहरों की फेहरिश्त में शामिल होने लायक तक विकसित हो जाएगा और इन गेम्स के लिए जुटी सुबिधाओं का फायदा आने वाले कई वर्षों तक दिल्ली के लोग उठा सकेगें. अतैव मिस्टर अय्यर को अपने बयान पर अफसोश प्रकट करना चाहिए और अपने अपराध पर माफ़ी मागनी चाहिए, यदि वास्तव में उन्होंने ऐसा कोई बयान दिया है ताकि आपके प्रति जिन लोगों में श्रद्धा हैं उनके दिल को लगी चोट पर मरहम लग सके.

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